" शब्द"
शब्द केवल अक्षरों का समूह नहीं है,
है मेरे तमाम उलझनों का सुलझा सा जवाब ,
मेरे बेचैनियों का शुकून भरा जवाब ,
मेरे अनसुलझे मन का एक सुलझा सा जवाब,
हर दर्द का मरहम भी है और मेरे आत्मा का शुकून भी,
शब्द ही मैं और शब्दों में ही मैं भी ,
जीवन का गूढ़ रहस्य भी है और ,
जरिया भी है मुझे जानने का,
मेरे विचारों ,कल्पनाओं का प्रत्यक्ष प्रमाण भी है,
मेरी नजरों और उस काल का,
प्रत्यक्ष भावनात्मत अभिव्यक्ति भी है,
मेरे शब्द ही उस काल यथार्थ है,
मेरे शब्द ही मेरे मन की शुद्धता का प्रमाण है ,
मेरे शब्द मेरे जीवन के विचारों की गुथी हुई माला भी है,
शब्द ही रहस्य है इस ब्रह्माण्ड का,
सदियों से चली आ रही परंपराओं का ,
हर अनसुलझे प्रश्नों का ,
हमारे विधियों और हमारे अधिकारों का ,
जीवन के अस्तित्व का आरंभ भी है ,
पीढियों को लगातार सृजित करने का माध्यम भी है ,
शब्द केवल अक्षरों का समूह नहीं है ,
आरंभ से चली आ रही विचारों,
भावों,विकास,संस्कार ,संवेदनाओं,प्रश्न ,आदि ,
के अस्तित्व की गाथा है ,शब्द
मर्म की अभिव्यक्ति है तो विचारो ,
इच्छाओं ,कल्पनाओं , भावों ,पशु पक्षी,
सजीव ,निर्जीव के अनकहे अल्फाजों की ,
एक काल्पनिक,भावपूर्ण अभिव्यक्ति है,
शब्द क्या है ? अपरिभाषित
और मैं निःशब्द हूं ........