Sunday, December 18, 2022

भावनायें





मैंने देखा है ,
दिल और आँखों का जुड़ाव ,
दिल जरा दर्द में हो तो ,
आँखे खो देती है सब कुछ अपना,
बिन बुलाए बस स्पर्श कर रूह को छू जाती है!

मैंने देखा है,
दिल और दिमाग का जुड़ाव,
दिल बेचैन होता है ,
दिमाग अपना संतुलन खो देता है,
स्पर्श चाहता है ,शीतलता चाहता है ,
फिर आंखे अपने को खोकर स्पर्श कर जाती है!

मैंने देखा है,
अनगिनत बार दिल ,दिमाग और आंखों को,
व्यवहार बदल देती है ,समय शिथिल कर देती है,
कोई एक भी परेशान हो रंग बदल देती है आंखे,
झील बन जाती है मानों ,न लुढ़कना चाहती है ,
न सूखना चाहती है ,न कहना चाहती है कुछ ,
बस शांत हो कर ,दिल को समझाना चाहती है!

महिमा सिंह©

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आखिर क्यों

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