क़िरदार
किरदार है पूरी जिंदगी हमारी,
किसी के लिए अच्छे किसी के लिए बुरे,
कहीं कमजोर पड़ जाते है, कहीं पत्थर हो जाते,
अविरल है चलते रहना ,भाव यही है जीवन का!
किरदार निभानें आये है ,अपने ही व्यवहारों से,
कहीं हमें कर्तव्य जोड़ता ,कहीं हमें किरदार जोड़ता
कहीं हमारा होना है,कहीं न होकर भी होना है,
कहीं ठहरती याद रहे हम,कहीं याद में मुस्कान बने!
किरदार में अपने सरल रहे,कहीं सहजता पड़ी भारी
एक आशा का दीप बनी,कहीं लौ सी जली गयी,
कहीं हमारा होना काफी,कहीं हमारा सब होना कम
जीवन ही किरदार का क्रम है,कहीं रहे अविरल धारा,कहीं रहे बस वक्त तकाज़ा!
जीवन रण में भूल गए सब,क़िरदार बड़ा हर बात से
मृदुल वाणी और स्नेह वचन है जीवन का आधार,
आधार विस्मृत हो जाना ,मानो माँ का आँचल छूटा
क़िरदार है यह जीवन अपना, मानव भाव है सर्वस्व,
क़िरदार हमेशा स्नेहिल रखना,जीवन काअंत सत्य है।
किरदार है पूरी जिंदगी हमारी,
किसी के लिए अच्छे किसी के लिए बुरे,
कहीं कमजोर पड़ जाते है, कहीं पत्थर हो जाते,
अविरल है चलते रहना ,भाव यही है जीवन का!
किरदार निभानें आये है ,अपने ही व्यवहारों से,
कहीं हमें कर्तव्य जोड़ता ,कहीं हमें किरदार जोड़ता
कहीं हमारा होना है,कहीं न होकर भी होना है,
कहीं ठहरती याद रहे हम,कहीं याद में मुस्कान बने!
किरदार में अपने सरल रहे,कहीं सहजता पड़ी भारी
एक आशा का दीप बनी,कहीं लौ सी जली गयी,
कहीं हमारा होना काफी,कहीं हमारा सब होना कम
जीवन ही किरदार का क्रम है,कहीं रहे अविरल धारा,कहीं रहे बस वक्त तकाज़ा!
जीवन रण में भूल गए सब,क़िरदार बड़ा हर बात से
मृदुल वाणी और स्नेह वचन है जीवन का आधार,
आधार विस्मृत हो जाना ,मानो माँ का आँचल छूटा
क़िरदार है यह जीवन अपना, मानव भाव है सर्वस्व,
क़िरदार हमेशा स्नेहिल रखना,जीवन काअंत सत्य है।
महिमा सिंह©
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