Friday, December 30, 2022

मेरे अंदर का स्त्रीत्व

मेरे शब्दों में गहराई का होना मेरा परिचय नहीं,
मेरे अंतर्मन की गहरी समझ का परिचायक है,
मेरे शब्दों का मेरे अंतर्मन से जुड़ाव होना ,
मेरे आत्मीयता का परिचायक है,मेरा व्यक्तित्व नही,
मेरा बाहरी रूप से शांत होना मेरे अंतर्मन की शांति है,
मेरा सरल और सहज व्यक्तित्व होना ,मेरे अंतर्मन की शुद्धि का प्रतीक है,जो मुझे प्रकृति से जोड़ता है,
मेरे मन की कठोरता परिचायक है कि शून्य हो जाना
प्रस्तर होने का स्वभाव है,चाहे वह पंचतत्व शरीर हो या हो पर्वत और पहाड़ , मेरा बिल्कुल बिंदुवत बातचीत
मेरे  अंतर्मन के यथार्थता का परिचायक है,
मेरे शब्दों में गहराई होना मेरा परिचायक नहीं है !

मेरा अबोध बालपन में जीना ही मेरा परिचय है,
मेरा ममत्व से परिपूर्ण होना ही मेरा परिचायक है,
मेरे बहते अश्रु ही मेरे मनुष्य होने का परिचायक है,
मेरा बच्चा बने रहना ही मेरे अंतर्मन की शुद्धि का परिचायक है,मेरा मुझमे बने रहना ही मेरा परिचय है,
मेरे शब्दों में गहराई का होना मेरा परिचायक नहीं है,
मेरा गम्भीर होना मेरा परिचायक नहीं मेरा कर्तव्यबोध है,
मेरा मुझमें बचे रहना ईश्वरीय रचना का परिचायक है !
महिमा यथार्थ©

1 comment:

Anonymous said...

I think, it's very great for women

आखिर क्यों

    In this modern era,my emotional part is like old school girl... My professionalism is like .. fearless behavior,boldness and decisions ...