धैर्य धारण करना लेकिन,
कह कर इसे जताना क्यों,
धारण है तो आवश्यकता क्या,
प्रमाणिकता देना,
धैर्य करो धारण तुम ,केवल
खुद को मानसिक शांति के लिए ,
जो होना है जब होना है होकर ही रहना है,
कर्म प्रधान है इस जीवन का,
करो और फिर रहो मस्त!
क्षमाशील बनो लेकिन,
खुद को दोबारा धक्का देना क्यों,
क्षमा करो या माँगो लेकिन,केवल
खुद की शांति के लिए,
कह कर या कर के इसे जताना क्या ,
मत दौड़ो तुम महानता के दौड़ में,
हर किसी को समझ आओ,
हर किसी के लिए सही ही रहो,
जरूरी तो नहीं!
हर बात की पुष्टि देना,
हर बात की व्याख्या करना,
दिखाता है बस तुम्हारा ही कुछ छिपाना,
मत करो तुम किसी की पुष्टि,
जो जैसा है रहने दो,
जो जैसा है बोलो तुम,
खुद को अपनी नजरों में बस
कभी न तुम गिरने देना!
महिमा यथार्थ©
कह कर इसे जताना क्यों,
धारण है तो आवश्यकता क्या,
प्रमाणिकता देना,
धैर्य करो धारण तुम ,केवल
खुद को मानसिक शांति के लिए ,
जो होना है जब होना है होकर ही रहना है,
कर्म प्रधान है इस जीवन का,
करो और फिर रहो मस्त!
क्षमाशील बनो लेकिन,
खुद को दोबारा धक्का देना क्यों,
क्षमा करो या माँगो लेकिन,केवल
खुद की शांति के लिए,
कह कर या कर के इसे जताना क्या ,
मत दौड़ो तुम महानता के दौड़ में,
हर किसी को समझ आओ,
हर किसी के लिए सही ही रहो,
जरूरी तो नहीं!
हर बात की पुष्टि देना,
हर बात की व्याख्या करना,
दिखाता है बस तुम्हारा ही कुछ छिपाना,
मत करो तुम किसी की पुष्टि,
जो जैसा है रहने दो,
जो जैसा है बोलो तुम,
खुद को अपनी नजरों में बस
कभी न तुम गिरने देना!
महिमा यथार्थ©
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