सभी स्त्रियां नहीं ढूंढती है,
सुंदरता,धन -दौलत,पद, प्रतिष्ठा ,
मर्द ,प्रेमी ,पति !
कुछ ढूंढती है एक मात्र दोस्त,
उसके जीवन का बेहतरीन मर्द,
जिसमें वह देखती है ,
पिता की परछाई ,उनका सानिध्य
भाई का प्यार ,उसकी नोक -झोंक
माँ सा प्यार , भाई-बहन सा साथ !
एक व्यक्ति जो बस जब साथ हो ,
वह आंगन छोड़ चुकी सारा बाबुल
ढूंढती है उसमें बस,
जो परखता न हो उसे ,वह समझ
पाए उसे समाज के रूढियों से परे !
मर्द और औरत की भिन्नता से परे,
वह उसे समझे अपना हमसफ़र !
वैसा ही जैसा कि कुछ पुरुष ,
केवल नहीं चाहते एक सुंदर स्त्री
वह चाहते है माँ सा प्यार,
पिता सा संबल ,खामोश सा प्यार
बहन जैसी सहायक ,
दोस्तों जैसा कोई व्यक्ति,
जो उन्हें परखता न हो,
उनकी नादानियों में साथ देता हो ,
एक - दूसरे का राज रख सके ,
खुल कर हँस सकता हो ,
चर्चा कर सकता हो ,
सुन सकता हो ,
समझ सकता हो ......
महिमा यथार्थ©
सुंदरता,धन -दौलत,पद, प्रतिष्ठा ,
मर्द ,प्रेमी ,पति !
कुछ ढूंढती है एक मात्र दोस्त,
उसके जीवन का बेहतरीन मर्द,
जिसमें वह देखती है ,
पिता की परछाई ,उनका सानिध्य
भाई का प्यार ,उसकी नोक -झोंक
माँ सा प्यार , भाई-बहन सा साथ !
एक व्यक्ति जो बस जब साथ हो ,
वह आंगन छोड़ चुकी सारा बाबुल
ढूंढती है उसमें बस,
जो परखता न हो उसे ,वह समझ
पाए उसे समाज के रूढियों से परे !
मर्द और औरत की भिन्नता से परे,
वह उसे समझे अपना हमसफ़र !
वैसा ही जैसा कि कुछ पुरुष ,
केवल नहीं चाहते एक सुंदर स्त्री
वह चाहते है माँ सा प्यार,
पिता सा संबल ,खामोश सा प्यार
बहन जैसी सहायक ,
दोस्तों जैसा कोई व्यक्ति,
जो उन्हें परखता न हो,
उनकी नादानियों में साथ देता हो ,
एक - दूसरे का राज रख सके ,
खुल कर हँस सकता हो ,
चर्चा कर सकता हो ,
सुन सकता हो ,
समझ सकता हो ......
महिमा यथार्थ©
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