पुरुष ज्यादा चरित्रवान इसलिए भी है कि,
स्त्रियां ज्यादा मर्यादित और सामाजिक डर में
भी जीती है ज्यादातर,
अक्सर पुरुषों के चरित्र का प्रमाणपत्र किसी न किसी
स्त्री के जीवन में समाया है या इनबॉक्स में पड़ा है,
स्त्रियां बैठक लगा किसी पुरुष का चरित्र चित्रण नहीं
करती अक्सर,
पुरुष ज्यादा चरित्रवान इसलिए भी है इस समाज में!
स्त्रियां अक्सर इस समाज में चरित्रहीन मान ली जाती है क्योंकि लोगों को अपनी व्यक्तिगत बातों को सार्वजनिक करने का शाश्वत अधिकार जो प्राप्त मान
लिया जाता है ,
अक्सर स्त्री के बारे में बैठक लगा चार लोग चरित्र
चित्रित करते है,
अक्सर उनका मना करना उनके जान पर बन आती है, वह एसिड अटैक की शिकार हो जाती है,
स्त्रियां के बारे कोई भी बात बिना प्रमाण के मान भी ली जाती है अक्सर,
स्त्रियां इसलिए भी समाज में चरित्रहीन मान ली जाती है!
अक्सर कुछ लोगों की गलतियों को पूर्वाग्रह मानकर भी लोग एक दूसरे का चरित्र चित्रित करने लग जाते है,
क्या यह सही है ?किसी के लिए भी?
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