मेरी भावनाएं-4
जहाँ तक मेरी समझ में आता है तो किसी व्यक्ति की सफलता, उसका कार्य,उसे क्या करना है यहाँतक कि पूरा जीवन केवल हमारे निर्णयन
क्षमता का परिणाम होता है।
बस इस बात को समझना ज्यादा जरूरी हो जाता है कि आप उस निर्णय को समय रहते ले रहे है या समय के अनुसार आपका निर्णय कितना सही है क्योंकि आज आप जो कर रहे ,जो सीख रहे ,पढ़ रहे यही सब हमारा कल निर्धारित करने का संकेत है जैसा कि हमारे "मिशाइल मैन जी " का भी मानना है।
कई बार हमें ऐसे निर्णय लेने पड़ते है जो आपको आप से जोड़ने ,अपने क्षमता को आंकने ,उसको और अधिक प्रगति करने के लिए लेते है जिसके कारण आपको कहीं न कहीं लोंगो के कुछ उम्मीद भी तोड़ने पड़ते है या यों कहूँ तो टूट जाते है।
हम अपने सपने को पूरा करने के लिए जब घर अपने क्षेत्र से दूर होते है तो तकलीफ़ आपके साथ ,आपके परिवार, दोस्त सब को होता है क्योंकि हम भावनात्मक रूप से जुड़े है।हम अपने लिए ,परिवार,समाज और राष्ट्र के लिए योगदान देने हेतु एक प्रगतिशील मानव बनने की कोशिश करते है जिसमें बहुत कुछ छूटता है पीछे ,जिसमें सिर्फ आपके लोग नहीं छूटते बस भावनात्मकता और अपने कर्म के बीच आपके कर्म चुनना होता है।
यही प्रगतिशील विचार ही आज मानव के विकास का सबसे अहम हिस्सा रहा है।मैंने अपने आपको देखा है मैने जितनी बार खुद को ठहराव दिया,या भावनात्मक बंधनो में बाधा है मैंने प्रगति के बजाय अपना अस्तित्व,अपना कर्म ,अपना व्यवहार सब में धूल जमा हुआ पाया ।
"बहते रहना ही नदी की पवित्रता और स्वच्छता का मुख्य कारण है ।" हिमालय से निकली गंगा ,अनगिनत रास्ते तय करते हुए लगातार बहती आ रही है हा हिमालय क्षेत्र में अनगिनत औषधियों के मिलने और सम्पर्क से आज भी उसकी स्वच्छता बरकरार रही है । इसी तरह अनुशासन,लगन,योग ,आत्मप्रेरणा सब मनुष्य के जीवन में औषधि है ,जो आपको कर्म पथ पर अग्रसर बनाते है।
अपने अंदर कोमलता, पवित्रता, उदारता ,कर्म निष्ठा बनाये रखना है तो निरंतर बहते रहने की आवश्यकता है,ठहराव और बंधन कहीं न कहीं हमारे व्यक्तित्व को धूमिल करता है। प्रकृति आपकी दुनियां है यह आपको प्यार करती है, सहयोग करती है आपका शरीर ही युद्धक्षेत्र है जिसमें अनगिनत भावनाओं, विचारों से आपको लड़ कर सही निर्णय लेना होता है।
यह मेरे स्वयं के विचार है।
आगे सफर जारी रहेगा।
राधे राधे✍️
महिमा सिंह©
ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य है कि लोग जाने की समाज में दरअसल किस तरह की मान्यता है ,क्या गलत हो रहा है ,हम इसके लिए क्या कर सकते है ,हम किस तरह व्यक्तिगत जीवन में परिवर्तन कर समाज में अपनी कुछ सहायता कर सकते है ,क्योंकि बदलाव हमेशा एक व्यक्ति के सोच से आरम्भ होता है और परिवर्तन में लोगो की सहायता और सहयोग से बड़े परिवर्तन किए जा सकते है ,हमनें सहयोग से आजादी ,अधिकार, स्वतंत्रता पायी है लेकिन अब इसको व्यक्तिगत स्तर से समाज में पाना अभी बाकी है अतः एक व्यक्ति का सहयोग भी बड़े परिवर्तन की ओर पहला कदम है।
Tuesday, November 22, 2022
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