Saturday, January 21, 2023

गहराईयां

दिखने से ज्यादा छिपने में हूं,
बोलने से ज्यादा खामोशी में हूं,
शब्दों से ज्यादा सोच में हूं ,
लिखने से ज्यादा हकीकत में हूं,
शब्दों से ज्यादा अर्थो में हूं,
बयाँ करने से ज्यादा स्पर्श में हूं,
बाहर से ज्यादा भीतर में हूं,
लोगों से ज्यादा खुद में हूं,
गुस्से से ज्यादा धैर्य में हूं,
कोमलता से ज्यादा आंतरिक
मजबूती में हूं,
रोने से ज्यादा भावनाओं में हूं,
दिल से ज्यादा दिमाग में हूं ,
स्त्री से ज्यादा स्त्रीत्व में हूं,
बाहर से ज्यादा भीतर में हूं!
महिमा यथार्थ©

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आखिर क्यों

    In this modern era,my emotional part is like old school girl... My professionalism is like .. fearless behavior,boldness and decisions ...