मेरी भावनाएं एवं अनुभव -5
रिश्ता ,एक जन्म से मिलता है जिसमें हमें स्वीकार्यता ,कर्तव्य ,सम्मान,स्वतंत्रता ,जिम्मेदारी, पारिवारिक सम्मान सब से जन्म से ही जुड़ाव होता है।दूसरा हम स्वयं स्वीकार करते है अपने दिल से ,अनुभव से ,भावनाओं से अपने स्वयं की इच्छाओं से जिसका भी निर्वाह हमें करना चाहिए अपनी पूरी ईमानदारी, दायित्व और जिम्मेदारी से ।
भावनात्मक रिश्ते में प्रेम जैसा कुछ नहीं मेरे अपने विचार और अनुभव से ,जिस रिश्ते में सम्मान है,स्वतंत्रता है,धैर्य है ,समझने की कोशिश है एक दूसरे के विचार,व्यवहार,आदत की,एक दूसरे को धैर्य पूर्वक सुनने की इच्छाशक्ति है,एक दूसरे के व्यक्तिगत समय ,व्यवहार ,स्वतंत्रता की कद्र है,एक खुलापन है लैंगिक रूढ़ियों के विरुद्ध, आपकी अपनी एक सोच और अच्छे विचार है ,
आकर्षण के साथ -साथ ठहराव है ,जीवन जीने की प्रेरणा है,कुछ समझने और व्यवस्थित करने की इच्छाशक्ति है , समाज के प्रति एक जिम्मेदारी है ,रूढ़ियों के प्रति विरोध के साथ ,समभाव की भावना है ,एक दूसरे का ख़याल है ,शब्दों ,लहजों और व्यवहार में एक स्थिरता और सम्मान है मेरा अनुभव यही है कि प्रेम इससे ज्यादा कुछ और नहीं है।
वर्तमान समय का परिदृश्य कुछ अलग ही चल रहा है लोगों एक दूसरे को समय और साथ जैसे अनमोल उपहार के बजाय महंगें उपहार,ब्रैंड, एक जोड़ी का दूसरे से प्रतिस्पर्धा उपहार,दिखावपन, शारीरिक बनावट साथ ही मानसिक रूप से बाहरी सुंदरता के प्रति रुझान इस कदर बढ़ गया है कि लड़के -लड़किया सब एक मानसिक तनाव और कुंठा से ग्रस्त होते जा रहे है।
मेरे शब्द है-"सबको अच्छा दिखना है ,अच्छा बनना नहीं है ।" बाहरी आकर्षण इस कदर हावी हो गया है कि युवा अपने को कमतर समझने लगे है आंतरिक सुंदरता,वैचारिक खुलापन ,मानसिक खुलापन पर ध्यान ही नहीं दे रहे है।
जो लोग सही ढंग से एक अच्छे परिवार ,व्यक्ति से जुड़े हुए है उनके परिवार में लोग जातिगत बन्धन ,रीति-रिवाज ,रूढ़ियों में इस कदर फसे हुए है कि खुलेपन से दिल से स्वीकृति नही देते है ।मेरा विचार है कि यदि आप व्यक्तिगत रूप से अमूक व्यक्ति ,परिवार के व्यवहार ,आदतों से परिचित है यदि आपको लगता है कि आपके बच्चें द्वारा एक गलत निर्णय किया जा रहा है जो भविष्य में उसके लिए सही नहीं होगा तब अस्वीकृति का कुछ अर्थ निकलता है किंतु यदि आप व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते है तो उन्हें जानने ,समझने का मौका लीजिये केवल इस वजह से उनके रिश्ते को अस्वीकार करना कि वह अलग जाति से है ,शारिरिक रूप,रंग में अंतर है खान -पान में अंतर है यह एक शिक्षित समाज और परिवार की मानसिक संकीर्णता के अलावा और कुछ नहीं है।
मेरे अपने व्यक्तिगत विचार है ।
महिमा यथार्थ©
रिश्ता ,एक जन्म से मिलता है जिसमें हमें स्वीकार्यता ,कर्तव्य ,सम्मान,स्वतंत्रता ,जिम्मेदारी, पारिवारिक सम्मान सब से जन्म से ही जुड़ाव होता है।दूसरा हम स्वयं स्वीकार करते है अपने दिल से ,अनुभव से ,भावनाओं से अपने स्वयं की इच्छाओं से जिसका भी निर्वाह हमें करना चाहिए अपनी पूरी ईमानदारी, दायित्व और जिम्मेदारी से ।
भावनात्मक रिश्ते में प्रेम जैसा कुछ नहीं मेरे अपने विचार और अनुभव से ,जिस रिश्ते में सम्मान है,स्वतंत्रता है,धैर्य है ,समझने की कोशिश है एक दूसरे के विचार,व्यवहार,आदत की,एक दूसरे को धैर्य पूर्वक सुनने की इच्छाशक्ति है,एक दूसरे के व्यक्तिगत समय ,व्यवहार ,स्वतंत्रता की कद्र है,एक खुलापन है लैंगिक रूढ़ियों के विरुद्ध, आपकी अपनी एक सोच और अच्छे विचार है ,
आकर्षण के साथ -साथ ठहराव है ,जीवन जीने की प्रेरणा है,कुछ समझने और व्यवस्थित करने की इच्छाशक्ति है , समाज के प्रति एक जिम्मेदारी है ,रूढ़ियों के प्रति विरोध के साथ ,समभाव की भावना है ,एक दूसरे का ख़याल है ,शब्दों ,लहजों और व्यवहार में एक स्थिरता और सम्मान है मेरा अनुभव यही है कि प्रेम इससे ज्यादा कुछ और नहीं है।
वर्तमान समय का परिदृश्य कुछ अलग ही चल रहा है लोगों एक दूसरे को समय और साथ जैसे अनमोल उपहार के बजाय महंगें उपहार,ब्रैंड, एक जोड़ी का दूसरे से प्रतिस्पर्धा उपहार,दिखावपन, शारीरिक बनावट साथ ही मानसिक रूप से बाहरी सुंदरता के प्रति रुझान इस कदर बढ़ गया है कि लड़के -लड़किया सब एक मानसिक तनाव और कुंठा से ग्रस्त होते जा रहे है।
मेरे शब्द है-"सबको अच्छा दिखना है ,अच्छा बनना नहीं है ।" बाहरी आकर्षण इस कदर हावी हो गया है कि युवा अपने को कमतर समझने लगे है आंतरिक सुंदरता,वैचारिक खुलापन ,मानसिक खुलापन पर ध्यान ही नहीं दे रहे है।
जो लोग सही ढंग से एक अच्छे परिवार ,व्यक्ति से जुड़े हुए है उनके परिवार में लोग जातिगत बन्धन ,रीति-रिवाज ,रूढ़ियों में इस कदर फसे हुए है कि खुलेपन से दिल से स्वीकृति नही देते है ।मेरा विचार है कि यदि आप व्यक्तिगत रूप से अमूक व्यक्ति ,परिवार के व्यवहार ,आदतों से परिचित है यदि आपको लगता है कि आपके बच्चें द्वारा एक गलत निर्णय किया जा रहा है जो भविष्य में उसके लिए सही नहीं होगा तब अस्वीकृति का कुछ अर्थ निकलता है किंतु यदि आप व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते है तो उन्हें जानने ,समझने का मौका लीजिये केवल इस वजह से उनके रिश्ते को अस्वीकार करना कि वह अलग जाति से है ,शारिरिक रूप,रंग में अंतर है खान -पान में अंतर है यह एक शिक्षित समाज और परिवार की मानसिक संकीर्णता के अलावा और कुछ नहीं है।
मेरे अपने व्यक्तिगत विचार है ।
महिमा यथार्थ©
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