मेरे शब्दों में गहराई का होना मेरा परिचय नहीं,
मेरे अंतर्मन की गहरी समझ का परिचायक है,
मेरे शब्दों का मेरे अंतर्मन से जुड़ाव होना ,
मेरे आत्मीयता का परिचायक है,मेरा व्यक्तित्व नही,
मेरा बाहरी रूप से शांत होना मेरे अंतर्मन की शांति है,
मेरा सरल और सहज व्यक्तित्व होना ,मेरे अंतर्मन की शुद्धि का प्रतीक है,जो मुझे प्रकृति से जोड़ता है,
मेरे मन की कठोरता परिचायक है कि शून्य हो जाना
प्रस्तर होने का स्वभाव है,चाहे वह पंचतत्व शरीर हो या हो पर्वत और पहाड़ , मेरा बिल्कुल बिंदुवत बातचीत
मेरे अंतर्मन के यथार्थता का परिचायक है,
मेरे शब्दों में गहराई होना मेरा परिचायक नहीं है !
मेरा अबोध बालपन में जीना ही मेरा परिचय है,
मेरा ममत्व से परिपूर्ण होना ही मेरा परिचायक है,
मेरे बहते अश्रु ही मेरे मनुष्य होने का परिचायक है,
मेरा बच्चा बने रहना ही मेरे अंतर्मन की शुद्धि का परिचायक है,मेरा मुझमे बने रहना ही मेरा परिचय है,
मेरे शब्दों में गहराई का होना मेरा परिचायक नहीं है,
मेरा गम्भीर होना मेरा परिचायक नहीं मेरा कर्तव्यबोध है,
मेरा मुझमें बचे रहना ईश्वरीय रचना का परिचायक है !
महिमा यथार्थ©
ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य है कि लोग जाने की समाज में दरअसल किस तरह की मान्यता है ,क्या गलत हो रहा है ,हम इसके लिए क्या कर सकते है ,हम किस तरह व्यक्तिगत जीवन में परिवर्तन कर समाज में अपनी कुछ सहायता कर सकते है ,क्योंकि बदलाव हमेशा एक व्यक्ति के सोच से आरम्भ होता है और परिवर्तन में लोगो की सहायता और सहयोग से बड़े परिवर्तन किए जा सकते है ,हमनें सहयोग से आजादी ,अधिकार, स्वतंत्रता पायी है लेकिन अब इसको व्यक्तिगत स्तर से समाज में पाना अभी बाकी है अतः एक व्यक्ति का सहयोग भी बड़े परिवर्तन की ओर पहला कदम है।
Friday, December 30, 2022
Friday, December 23, 2022
Sunday, December 18, 2022
भावनायें
मैंने देखा है ,
दिल और आँखों का जुड़ाव ,
दिल जरा दर्द में हो तो ,
आँखे खो देती है सब कुछ अपना,
बिन बुलाए बस स्पर्श कर रूह को छू जाती है!
मैंने देखा है,
दिल और दिमाग का जुड़ाव,
दिल बेचैन होता है ,
दिमाग अपना संतुलन खो देता है,
स्पर्श चाहता है ,शीतलता चाहता है ,
फिर आंखे अपने को खोकर स्पर्श कर जाती है!
मैंने देखा है,
अनगिनत बार दिल ,दिमाग और आंखों को,
व्यवहार बदल देती है ,समय शिथिल कर देती है,
कोई एक भी परेशान हो रंग बदल देती है आंखे,
झील बन जाती है मानों ,न लुढ़कना चाहती है ,
न सूखना चाहती है ,न कहना चाहती है कुछ ,
बस शांत हो कर ,दिल को समझाना चाहती है!
महिमा सिंह©
Friday, December 9, 2022
क़िरदार
क़िरदार
किरदार है पूरी जिंदगी हमारी,
किसी के लिए अच्छे किसी के लिए बुरे,
कहीं कमजोर पड़ जाते है, कहीं पत्थर हो जाते,
अविरल है चलते रहना ,भाव यही है जीवन का!
किरदार निभानें आये है ,अपने ही व्यवहारों से,
कहीं हमें कर्तव्य जोड़ता ,कहीं हमें किरदार जोड़ता
कहीं हमारा होना है,कहीं न होकर भी होना है,
कहीं ठहरती याद रहे हम,कहीं याद में मुस्कान बने!
किरदार में अपने सरल रहे,कहीं सहजता पड़ी भारी
एक आशा का दीप बनी,कहीं लौ सी जली गयी,
कहीं हमारा होना काफी,कहीं हमारा सब होना कम
जीवन ही किरदार का क्रम है,कहीं रहे अविरल धारा,कहीं रहे बस वक्त तकाज़ा!
जीवन रण में भूल गए सब,क़िरदार बड़ा हर बात से
मृदुल वाणी और स्नेह वचन है जीवन का आधार,
आधार विस्मृत हो जाना ,मानो माँ का आँचल छूटा
क़िरदार है यह जीवन अपना, मानव भाव है सर्वस्व,
क़िरदार हमेशा स्नेहिल रखना,जीवन काअंत सत्य है।
किरदार है पूरी जिंदगी हमारी,
किसी के लिए अच्छे किसी के लिए बुरे,
कहीं कमजोर पड़ जाते है, कहीं पत्थर हो जाते,
अविरल है चलते रहना ,भाव यही है जीवन का!
किरदार निभानें आये है ,अपने ही व्यवहारों से,
कहीं हमें कर्तव्य जोड़ता ,कहीं हमें किरदार जोड़ता
कहीं हमारा होना है,कहीं न होकर भी होना है,
कहीं ठहरती याद रहे हम,कहीं याद में मुस्कान बने!
किरदार में अपने सरल रहे,कहीं सहजता पड़ी भारी
एक आशा का दीप बनी,कहीं लौ सी जली गयी,
कहीं हमारा होना काफी,कहीं हमारा सब होना कम
जीवन ही किरदार का क्रम है,कहीं रहे अविरल धारा,कहीं रहे बस वक्त तकाज़ा!
जीवन रण में भूल गए सब,क़िरदार बड़ा हर बात से
मृदुल वाणी और स्नेह वचन है जीवन का आधार,
आधार विस्मृत हो जाना ,मानो माँ का आँचल छूटा
क़िरदार है यह जीवन अपना, मानव भाव है सर्वस्व,
क़िरदार हमेशा स्नेहिल रखना,जीवन काअंत सत्य है।
महिमा सिंह©
Thursday, December 1, 2022
तुम खुद में सम्पूर्ण हो!
तुम्हारे अंदर बैठा है एक फ़रिश्ता,
जिसमें समंदर की तरह गहराई है,
उसके हलचलों में तूफान है,
तुम्हारे अंदर अनगिनत रहस्य है,
तुम्हारी काया में अनगिनत ,
मोती है ,संसाधन है,वैद्य है!
तुम्हारे अंदर बैठा है एक फ़रिश्ता,
जितना बाहर ढूंढोगे उतने ही लहरें पाओगे,
गोताखोर बनों अपने काया का,
उतरों तुम अपने अंदर ,पाओगे
असीम शांति, कण-कण जोड़ोगे
प्रकृति से खुद को !
तुम्हारे अंदर बैठा है एक फ़रिश्ता,
बस हमेशा उसे जीवंत बनाना,
समंदर जीवंत है क्योंकि उसमें है
अनगिनत जीवन ,वह रहस्य है,
तुम खुद एक रहस्य हो सामर्थ्य का,
सुकून का,भाव का ,तुम हो यदि
बस इस पल में जो अभी चल रहा!
जिसमें समंदर की तरह गहराई है,
उसके हलचलों में तूफान है,
तुम्हारे अंदर अनगिनत रहस्य है,
तुम्हारी काया में अनगिनत ,
मोती है ,संसाधन है,वैद्य है!
तुम्हारे अंदर बैठा है एक फ़रिश्ता,
जितना बाहर ढूंढोगे उतने ही लहरें पाओगे,
गोताखोर बनों अपने काया का,
उतरों तुम अपने अंदर ,पाओगे
असीम शांति, कण-कण जोड़ोगे
प्रकृति से खुद को !
तुम्हारे अंदर बैठा है एक फ़रिश्ता,
बस हमेशा उसे जीवंत बनाना,
समंदर जीवंत है क्योंकि उसमें है
अनगिनत जीवन ,वह रहस्य है,
तुम खुद एक रहस्य हो सामर्थ्य का,
सुकून का,भाव का ,तुम हो यदि
बस इस पल में जो अभी चल रहा!
Mahima©
1 Dec.2022
There is an angel sitting inside you,
Which is as deep as the ocean,
There is a storm in his movements,
There are many secrets inside you,
Countless in your body,
It is a pearl, it is a resource, it is a doctor!
There is an angel sitting inside you,
The more you search outside, the more waves you will find.
Be a diver of your body,
go inside you will find
infinite peace, will add particle by particle
Nature itself!
There is an angel sitting inside you,
just always make it alive,
the sea is alive because it has
Countless lives, that's the secret,
You yourself are a mystery of strength,
of peace, of feeling, if you are
Just what's going on right now in this moment!
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आखिर क्यों
In this modern era,my emotional part is like old school girl... My professionalism is like .. fearless behavior,boldness and decisions ...
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" स्वच्छता की यथार्थता" हमसे प्रकृति नही है प्रकृति है तो हम है ,हमारा अस्तित्व है ,लेकिन वर्तमान ...
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हमें हमेशा बड़ो की इज्जत करना सिखाया जाता है ,जो कि सही भी है और यह अपना -अपना व्यक्तिगत व्यवहार भी है ,लेकिन यह कभी नहीं बताया जाता है कि बड़...
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संसार का स्थायित्व इसलिए है क्योंकि प्रेम,भावना,आचरण,मानवता,सेवा ,समर्पण ,संस्कृति का स्थायित्व है केवल इसके रूप बदलते है अन्यथा इस दुनियां ...