शीतलता है स्पर्श में,
भावनाएं है स्पर्श में,
सुकून है स्पर्श में!
हवा की छुवन ,
नहीं छूती है ,
केवल
शरीर ,
छू जाती है मन,
साथ होने का आभास दे जाती है,
हवाएं शीतल कर जाती है रूह ,
उदाहरण भी है आंधी कि
तीव्रता ,आततायी ,अति
घातक है !
खिलते फूल नहीं है
केवल सुंदर,
वह है रंग ,
अपने स्वभाविकता का,
अपनी शुद्धता का,
प्रमाण है गुणवत्ता का,
नहीं करती है केवल ,
आंखें उनका दीदार,
उसका स्पर्श आभास देता है,
कोमल मन का,
वृद्धि करते हम देख पाते है,
सीखते है धैर्य को,
उसके प्रत्येक अंग के संयोजन का ,
देता है उत्तम उदाहरण!
चहचहाना केवल उनकी आवाज नहीं है,
है वह मन की चंचलता का प्रतीक ,
उनकी खुशियों का प्रतीक ,
उनके प्रत्येक भावनाओं
की अभिव्यक्ति,
उदाहरण है कि सुनो
तुम लोगों के कहे अनकहे
जज़्बात, आवाज ,
ईश्वर द्वारा भेजे गए ये
जीवन्त उदाहरण है ,
जो सीखते रहने,
बदलाव करते रहने,
के जीवन्त प्रतीक है!
पृथ्वी पर उगी घासें,
स्पर्श करते मेरे पावँ
सारे ताप ,
सारी जलन ,
खींच लेती है,
उसकी कोमलता
महसूस होती है,
मन को,
मस्तिष्क को,
बदल देते है हमारे
उद्दवेलित मन को,
आहिस्ता शांत कर जाते है,
ये अनगिनत स्पर्श !
महिमा यथार्थ©
ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य है कि लोग जाने की समाज में दरअसल किस तरह की मान्यता है ,क्या गलत हो रहा है ,हम इसके लिए क्या कर सकते है ,हम किस तरह व्यक्तिगत जीवन में परिवर्तन कर समाज में अपनी कुछ सहायता कर सकते है ,क्योंकि बदलाव हमेशा एक व्यक्ति के सोच से आरम्भ होता है और परिवर्तन में लोगो की सहायता और सहयोग से बड़े परिवर्तन किए जा सकते है ,हमनें सहयोग से आजादी ,अधिकार, स्वतंत्रता पायी है लेकिन अब इसको व्यक्तिगत स्तर से समाज में पाना अभी बाकी है अतः एक व्यक्ति का सहयोग भी बड़े परिवर्तन की ओर पहला कदम है।
Tuesday, March 14, 2023
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आखिर क्यों
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